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Dismiss UP Govt. for justice to Hindu society -- Ashok Singhal, VHP

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VHP’s Ashok Singhal’s statement on Mujaffarnagar Riots

MEDIA STATEMENT OF SRI ASHOKJI SINGHAL PATRON, VISHVA HINDU PARISHAD
New Delhi, September 11, 2013 - The stalking and felonious behaviour of the ‘Love Jihadis’ with a Hindu girl student returning from her Kisaan Inter-College was the immediate provocation for the grave incidents that took place at the Kawal village of Muzaffarnagar in Uttar Pradesh on 27th August, 2013. The root cause is the Lust Jihad being conducted under the garb of Muslim religion. This incident gave birth to the convening of the “Bahu, Beti Bachao” (“Save Women and Daughters”) Maha Panchayat. When the society could no longer bear the ‘Love Jihadists’ outraging the modesty and dignity of Hindu women and girls in rural and urban areas of U.P. the corrective movement in the form of the “Bahu Beti Bachao Mahapanchayat” came into being.
A number of newspapers, news agencies and electronic media channels have been trying to hide these facts for reasons best known to them. Why was this movement bannered as “Bahu, Beti Bachao Andolan”? When the Love Jihadis in the rabidly pro-Muslim Government of Mulayam Singh found themselves to be above law and conducted themselves accorongly, that compelled the Hindu society to stand on its own feet to safeguard itself. The Love Jihad is not only targeting Bharat (India) and Hindus but also Buddhists and Christians everywhere in the world. These godless Lust Jihadis donning the garb of Muslim religion as a major weapon have, for the last half a century, been targeting the Hindu girls, women, girl students. During the last parliamentary elections the Hindu women had put this problem before Sri Varun Gandhi for an answer as to how to save themselves from these Jihadis.
A solution to this problem has to be found in the said context only. On 27th August, 2013, Gaurav and Sachin – the two brothers of the victim girl student – were hacked to death by Jihadists and then on 30th August, 2013 a huge meeting in support of the Jihadists was allowed to be held in Muzaffarnagar in spite of the curfew under 144 CrPC in place and the family of the victims was accused for all the incidents of Kawal. This laxity on the part of the government emboldening the Jihadists added fuel to the fire infuriating the victims which led to the convening of the “Bahu, Batiyaan Bachao” Maha Panchayat. As a consequence of government support to Jihadists the sparks and fire spread to the entire district and slaughters and arsons took place in villages and urban areas. The Hindus and Muslims had been living in harmony, peace and love all these decades, but the lustful Jihadis made them enemies in no time.
A lesson to be learnt from all these incidents is that a legal ban on Love Jihadis needs to be imposed and the law strictly followed and also the murderer Love Jihadis involved in these incidents given exemplary punishment, otherwise the self-respecting Hindu, even if unwillingly, has to take the responsibility of self-protection into his/her own hands, which would be a matter of shame and suicidal for a government formed under systems of law and constitution.
The state of affairs has come to such a pass that the people have lost all confidence in the Chief Minister Akhilesh Singh government. They also have a compelling feeling that this government is celebrating and emboldening the Love Jihadis on the one hand and crushing the 84-Kosi Parikrama on the other which is why the Hindu society can expect any semblance of justice if this government is dismissed forthwith.

Released by

(Prakash Sharma)
Advocate
Spokesperson, Vishva Hindu Parishad 
http://samvada.org/2013/news-digest/vhps-ashok-singhals-statement-on-mujaffarnagar-riots/
विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक
माननीय श्री अशोक जी सिंहल का प्रेस वक्तव्य

नई दिल्ली, 11 सितम्बर, 2013
    मुजफ्फरनगर के कवाल गाँव में दिनांक 27 अगस्त, 2013 को किसान इण्टर कालेज से आती हुई हिन्दू छात्रा के साथ लव जेहादियों का अपमानजनक व्यवहार ही मुजफ्फरनगर घटनाक्रम का मूल कारण है। इस घटना ने ही ‘‘बहु, बेटी बचाओ’’ महापंचायत को जन्म दिया। लव जेहादियों के गाँव-गाँव शीलहरण की घटनाएँ जब बर्दास्त के बाहर हो गईं तो उनके विरुद्ध समाज का रौद्र रूप ‘‘बहु, बेटियाँ बचाओ’’ आन्दोलन के रूप में खड़ा हुआ है।
    हमारे देश के समाचार पत्र एवं न्यूज एजेन्सियाँ तथा अनेक दूरसंचार चैनल इस सत्य को उद्घाटित करने से अपने को बचा रहे हैं। इस आन्दोलन का नाम ‘‘बहु, बेटियाँ बचाओ’’ क्यों पड़ा ? मुलायम सिंह की घोर मुस्लिम परस्त इस सरकार में लव जेहादी अपने को कानून से ऊपर समझने लगे हैं और अपनी हरकतों से पूरे हिन्दू समाज को अपनी रक्षा के लिए स्वयं के बल पर खड़े होने को मजबूर किया है। लव जेहाद ने न केवल हिन्दुओं अपितु बौद्धों और ईसाइयों को भी आज अपना भक्ष्य बना रखा है। इस शर्मनाक कामान्ध जेहादियों ने मुस्लिम धर्म की रक्षा और विस्तार के नाम पर इसे एक बड़े शस्त्र के रूप में देशभर में हिन्दू समाज की कन्याओं, अबलाओं, छात्राओं को पिछले अनेक वर्षों से अपना भक्ष बनाया हुआ है। पिछले संसदीय चुनाव में श्री वरुण गाँधी के समक्ष माताओं ने कन्याओं के शीलहरण की इसी समस्या को रखा था और वे इन जेहादियों से अपनी रक्षा का उत्तर चाहती थीं। 
    उपरोक्त परिप्रेक्ष में ही इस समस्या का हल ढूँढ़ना पड़ेगा। दिनांक 27 अगस्त, 2013 को छात्रा के दो भाई गौरव और सचिन की हत्या हुई और हत्या करने के उपरान्त 30 अगस्त, 2013 को उन जेहादियों के समर्थन में शुक्रवार की नमाज के बाद एक बहुत बड़ी सभा 144 धारा होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुजफ्फरनगर में होने दी गई और कवाल की पूरी घटना के लिए मृतकों के परिवार को ही दोषी बताया गया। इस घटना ने आग में घी का काम किया। 31 अगस्त और 7 सितम्बर, 2013 को ‘‘बहु, बेटियाँ बचाओ’’ महापंचायत करने के लिए बाध्य कर दिया। जेहादियों को राजकीय संरक्षण देने का क्या परिणाम होता है कि इस घटना की आग पूरे जिले में फैल गई और यह नर-संहार गाँव-गाँव में फैल गया। जहाँ अनेक वर्षों से गाँव-गाँव में हिन्दू और मुसलमानों में बड़े मधुर सम्बन्ध चले आ रहे थे, उनको इन कामान्ध लव जेहादियों ने एक दूसरे का शत्रु बना दिया।
    इस समस्त काण्ड से एक शिक्षा लेने की आवश्यकता है कि लव जेहादियों पर कानूनी रोक लगाई जाए और कानून का सख्ती से पालन किया जाए। इस घटना में शामिल हत्यारे लव जेहादियों को कठोर दण्ड दिया जाए अन्यथा स्वाभिमानी हिन्दू को इच्छा न होते हुए भी अपनी रक्षा अपने बल पर करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जो शर्मनाक है और कानून से बनी इस सरकार द्वारा संभव नहीं हो पा रही है।
    परिस्थितियाँ ऐसी आ गई हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह की सरकार के प्रति लोगों का विश्वास उठ चुका है। वह यह भी सोचने के लिए बाध्य हो गया है कि एक ओर लव जेहादियों को प्रोत्साहन और दूसरी ओर हिन्दू समाज के शान्तिपूर्ण 84 कोसी धार्मिक परिक्रमा को दमन के द्वारा रोकने के प्रयासों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी सरकार को तत्काल बर्खास्त करने से ही हिन्दू समाज न्याय की अपेक्षा कर सकता है।
जारीकर्ता


(प्रकाश शर्मा) 
एडवोकेट 
प्रवक्ता, विश्व हिन्दू परिषद

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