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84-kosi parikrama for Ramajanmabhumi will proceed as scheduled -- VHP Press release

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विश्व हिन्दू परिषद की प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक-24 अगस्त, 2013, नई दिल्ली।

    विश्व हिन्दू परिषद उŸार प्रदेश सरकार द्वारा श्रीअयोध्याजी 84 कोसी परिक्रमा मार्ग धार्मिक पदयात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निन्दा करती है। उ0प्र0 की सरकार सत्ता के मद में चूर होकर हिन्दू समाज का दमन करना चाहती है। पूरे उ0प्र0 में इस समय भय का वातावरण निर्माण किया जा रहे हैं। जिससे कि देश भर से आने वाले संत भयभीत हो जाएं और यात्रा रोक दी जाए। विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक जी सिंहल ने कहा कि उ0प्र0 सरकार का यह कृत्य हिन्दू समाज के संविधान प्रदत्त धार्मिक अधिकारों का हनन है। 

    एक ओर जबकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने सर्वानुमति से यह स्वीकार किया है कि वहीं स्थान श्रीराम जन्मभूमि है जहां आज रामलला विराजमान है। उस स्थान पर जो ढाँचा खड़ा था वह किसी हिन्दू धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाया गया था और इस्लामिक मान्यताओं के विपरीत था फिर भी श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। मामला वहीं का वहीं पड़ा हुआ है। भगवान श्रीराम टाट में रहने के लिए मजबूर है। वहीं दूसरी ओर उ0प्र0 व केन्द्र सरकार अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही मस्जिद अथवा इस्लामिक केन्द्र बनाने का षड्यंत्र कर रही है। हिन्दू समाज इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। पूज्य संतों ने प्रयाग महाकुम्भ के अवसर पर पारित प्रस्ताव में निम्नलिखित तीन बातों का संकल्प लिया था। 

1.    संसद श्रीराम जन्मभूमि को संसदीय कानून बनाकर हिन्दू समाज के सुपुर्द करे। 
2.    सम्पूर्ण सत्तर एकड़ अधिग्रहीत भूमि में श्रीराम जन्मभूमि के भव्य मन्दिर का निर्माण हो।
3.    बाबरी नाम का कोई भी प्रतीक अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में नहीं बने।

    अपनी इन्हीं मांगों को लेकर देशभर के पूज्य संत आगामी 25 अगस्त, से 13 सितम्बर तक अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पद यात्रा करने का संकल्प कर चुके हैं किन्तु दुर्भाग्य से मुस्लिम नेताओं के दबाव एवं मुस्लिम वोटों के लालच में सरकार ने यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पूरे उ0प्र0 को सील करके 6 जिलों को छावनी बना दिया गया है। 

    प्रत्येक दिन केवल मात्र 200 सन्तों की पदयात्रा एवं 40 पड़ावों में से केवल दो पड़ावों के ग्रामीण समाज के बीच सन्त प्रवचन करने से कौन सी कानून व्यवस्था बाधित हो रही है, यह महान आश्चर्य का विषय है। ऐसे प्रतिदिन दो सामान्य कार्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए एक दर्जन पुलिसकर्मी पर्याप्त है, वहाँ सुरक्षा बलों की कई कम्पनियाँ लगाना संवैधानिक अपराध है। उ0प्र0 में आने वाले संतों को स्थान-स्थान पर रोका जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद एवं हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके प्रताडि़त किया जा रहा है। परिषद उ0प्र0 सरकार को आगाह करती है कि वह अपने इस अलोकतांत्रिक कदम से बाज आएं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम उसे भोगने होंगे। परिक्रमा पर प्रतिबंध लगाने के कारण यदि राज्य में कानून व्यवस्था खराब होती है तो जिसकी जिम्मेवार उ0प्र0 सरकार होगी। परिक्रमा का कार्यक्रम यथावत है। 

जारीकर्ता
प्रकाश शर्मा ‘अधिवक्ता’
प्रवक्ता-विश्व हिन्दू परिषद


-- 
विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय कार्यालय
संकटमोचन आश्रम,
रामकृष्णपुरम, से.-6,
नई दिल्ली-22
Tel. 011-26178992, 011-26103495,09871672407

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